राजा सुहेल देव की जयंती के अवसर पर महाविद्यालय के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में अपराह्न 01.00 बजे छात्र परिषद द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसके मुख्य वक्ता डॉ पवन कुमार पाण्डेय, असिस्टेंट प्रोफेसर (कम्प्यूटर विज्ञान) रहें।
डाॅ पवन कुमार पाण्डेय ने राजा सुहेलदेव के चित्र पर पुष्पांजलि करने की उपरान्त कहा कि,
“भारतीय इतिहास अनेकों राजाओं की वीर गाथाओं से अटा पड़ा है। देश में सम्राट अशोक से लेकर कई छोटे-छोटे राज्यों के राजा हुए हैं जिनका जिक्र इतिहास की किताबों से लेकर लोक कथाओं में होता रहा है। लेकिन उत्तर प्रदेश में नेपाल सीमा से सटे श्रावस्ती के राजा सुहेलदेव के बारे में इतिहासकारों ने तो शायद ही कुछ लिखा हो लेकिन 11वीं सदी के इस प्रतापी राजा का जिक्र कई स्थानीय लोक कथाओं में है। यही कारण है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में राजा सुहेल देव को वीर पुरुष का दर्जा दिया गया है।
डॉ. पाण्डेय ने आगे कहा कि 11वीं सदी में महमूद गजनवी के भारत पर आक्रमण के समय सालार मसूद गाजी ने बहराइच पर आक्रमण किया। लेकिन वहां के राजा सुहेलदेव से बुरी तरह पराजित हुआ और मारा गया। इतिहास के पन्नों में राजा सुहेलदेव का इतिहास, भले ही दर्ज न हो लेकिन लोक-कथाओं में राजा सुहेलदेव का जिक्र होता रहा है और ऐसा हुआ है कि इतिहास के दस्तावेजों की तरह लोगों के मन में उनकी वीर पुरुष के तौर पर छवि बनी हुई है।“
इस कार्यक्रम का संचालन छात्र परिषद के प्रभारी श्री भगवान सिंह ने व आभार ज्ञापन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर छात्र परिषद सदस्य सहित सभी संकायों के छात्र प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
It’s really very difficult in this busy life to listen news on TV, therefore
I simply use web for that reason, and take the latest information.